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Punjab: पंजाब में यात्रा महंगी हुई, बसों के किराए में वृद्धि, अब हर किलोमीटर पर चुकाना होगा ज्यादा

Punjab: पंजाब में यात्रा की लागत बढ़ गई है, क्योंकि बसों के किराए में वृद्धि की गई है। शनिवार को पंजाब परिवहन विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की। सामान्य बसों के किराए में प्रति किलोमीटर 23 पैसे की वृद्धि की गई है, जबकि कोच और सुपर कोच बसों के किराए में 41 से 46 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है।

Punjab: पंजाब में यात्रा महंगी हुई, बसों के किराए में वृद्धि, अब हर किलोमीटर पर चुकाना होगा ज्यादा

पंजाब कैबिनेट बैठक में लिया गया निर्णय

पंजाब कैबिनेट की बैठक में बस किराए में वृद्धि के साथ ही पेट्रोल और डीजल पर वैट भी बढ़ाया गया। इस फैसले से सरकार को अतिरिक्त 150 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।

परिवहन सचिव दिलराज सिंह ने बताया कि हीट, वेंटिलेशन और एयर कंडीशन (HVAC) वाली सामान्य बसों के किराए में प्रति किलोमीटर 23 पैसे की वृद्धि की गई है। वहीं, कोच बसों के किराए में प्रति किलोमीटर 28 पैसे और सुपर कोच बसों के किराए में 46 पैसे की वृद्धि की गई है। यह निर्णय कैबिनेट बैठक के दो दिन बाद जारी किया गया।

पेट्रोल और डीजल पर वैट वृद्धि

कैबिनेट ने पेट्रोल पर 61 पैसे और डीजल पर 92 पैसे प्रति लीटर वैट बढ़ा दिया। इसके साथ ही, अब तक 7 किलोवाट तक के कनेक्शनों पर दी जा रही 3 रुपये की सब्सिडी को भी समाप्त कर दिया गया। इन सभी कदमों से सरकार को अतिरिक्त 2500 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है।

महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा पर बढ़ता वित्तीय बोझ

पंजाब में महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है। यह मुफ्त बस सेवा सरकार पर सब्सिडी के रूप में भारी वित्तीय बोझ डाल रही है। यही कारण है कि अब सरकार ने न केवल बसों के किराए में वृद्धि करने की कोशिश की है, बल्कि मुफ्त बस यात्रा के लिए महिलाओं पर किए गए खर्च को कम करने का विकल्प भी तलाशा है।

जब कांग्रस सरकार के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस योजना की शुरुआत की थी, तब इसकी वार्षिक लागत करीब 600 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर लगभग 750 करोड़ रुपये हो गई है। मुफ्त बस सेवा के लिए सरकार को पंजाब रोडवेज और पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (PRTC) को हर महीने 25 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है।

नई किराया वृद्धि के प्रभाव

बस किराए में की गई यह वृद्धि आम नागरिकों के लिए यात्रा को और महंगा बना देगी। विशेष रूप से, जो लोग नियमित रूप से बसों का उपयोग करते हैं, उन्हें हर महीने अधिक खर्च करना पड़ेगा। इस वृद्धि के बाद, यात्रियों को अपने बजट को फिर से व्यवस्थित करना पड़ सकता है और कुछ को अपनी यात्रा के साधन बदलने पर भी विचार करना पड़ सकता है।

सरकार की वित्तीय रणनीति

सरकार की यह वित्तीय रणनीति स्पष्ट रूप से एक पहलू को दर्शाती है कि सरकारी सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए और अधिक राजस्व संग्रह की आवश्यकता है। यह कदम सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए उठाया गया है, साथ ही अतिरिक्त राजस्व संग्रहित करने की भी कोशिश की गई है।

निष्कर्ष

पंजाब में बसों के किराए में की गई वृद्धि और पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने के फैसले ने राज्य में यात्रा को महंगा बना दिया है। इस वित्तीय रणनीति का उद्देश्य सरकार के वित्तीय बोझ को कम करना और अधिक राजस्व जुटाना है। हालांकि, यह कदम आम नागरिकों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव डालेगा, विशेषकर उन लोगों पर जो नियमित रूप से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हैं। आने वाले समय में, इस फैसले के प्रभावों का पूरी तरह से आकलन किया जाएगा और इसके आधार पर सरकार भविष्य की नीतियों में सुधार कर सकती है।

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